बीकानेर। जिले में समर्थन मूल्य पर मूंग और मूंगफली की खरीद को लेकर प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।
जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने सभी क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के मुख्य व्यवस्थापकों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि किसानों से अब बिजली बिल, पानी की पर्ची या सोलर कनेक्शन के दस्तावेज अनिवार्य रूप से लिए जाएं।
शिकायतों के बाद सख्त हुई प्रशासनिक व्यवस्था
कलेक्टर को समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया में गलत पंजीयन और फर्जी गिरदावरी की शिकायतें मिल रही थीं।
इन शिकायतों को गंभीर मानते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि
कृषक जब अपनी फसल बेचने केंद्र पर आए,
तो उसके पंजीयन दस्तावेजों के साथ-साथ
बिजली बिल, पानी की पर्ची या सोलर कनेक्शन का प्रमाण भी जांचा जाए।
सत्यापन के बाद ही तुलाई (वजन) की प्रक्रिया की जाए और
सभी दस्तावेजों का रिकॉर्ड समिति स्तर पर सुरक्षित रखा जाए।
भौतिक सत्यापन होगा अनिवार्य
कलेक्टर ने कहा कि इस बार फसल खरीद से पहले
हर किसान की गिरदावरी और पंजीकरण का भौतिक सत्यापन (field verification) किया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि
अगर किसी समिति द्वारा सत्यापन में लापरवाही बरती गई
या गलत पर्चियां जारी की गईं,
तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी दिए थे सख्त निर्देश
कुछ समय पहले कलेक्टर ने मूंगफली की ऑनलाइन खरीद प्रक्रिया में जारी 70 हजार टोकनों का भी सत्यापन कराने का आदेश दिया था।
उन्होंने सभी उपखंड अधिकारियों को निर्देशित किया था कि
हर टोकन की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाए कि
फसल वास्तव में उसी किसान की है जिसने पंजीकरण करवाया है।

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