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बीकानेर में मिलिट्री इंटेलिजेंस-पुलिस की संयुक्त कार्रवाई: दुकानों से बरामद हुई सेना की वर्दी का कपड़ा, राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट गहराया

India-1stNews



बीकानेर में शुक्रवार को मिलिट्री इंटेलिजेंस और कोटगेट पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने हड़कंप मचा दिया। शहर के सुभाष मार्ग (पूर्व जिन्ना रोड) और मुख्य कोटगेट मार्केट में औचक छापेमारी कर सेना की वर्दी का कपड़ा बड़ी मात्रा में जब्त किया गया।

दुकानों से भारी स्टॉक जब्त

कार्रवाई के दौरान सुभाष फुटवियर शॉप और तीन भाइयों की दुकान प्रमुख रूप से निशाने पर रहीं। कपड़े की वीडियोग्राफी कराई गई, ताकि आगे कानूनी कार्रवाई में प्रमाणिकता बनी रहे।

मिलिट्री इंटेलिजेंस की सख्त चेतावनी

अधिकारियों ने कहा—
“सेना की वर्दी का कपड़ा खुले बाजार में बेचना केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के खिलाफ है। इसका दुरुपयोग कर आतंकी सैनिक बनकर घुसपैठ, हमला या तोड़फोड़ कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।”

जेएनवी कॉलोनी का युवक जांच के घेरे में

कार्रवाई में जेएनवी कॉलोनी निवासी 23 वर्षीय अनिश कुमार का नाम सामने आया है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि वह सीधी बिक्री में शामिल था या सप्लाई चैन का हिस्सा। अभी तक सेना की ओर से औपचारिक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।

भारी पुलिस बल तैनात

संवेदनशीलता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया। भीड़ जुटी लेकिन किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई। जब्त कपड़े का स्टॉक फिलहाल पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस की निगरानी में है।

सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंता

विशेषज्ञों ने कहा कि नकली वर्दी से आतंकी या अपराधी सैनिकों का रूप धारण कर सकते हैं। अतीत में ऐसे हमले हो चुके हैं जिनमें असली और नकली वर्दीधारी में फर्क करना मुश्किल हो गया था।

प्रशासन पर उठे सवाल

लोगों ने पूछा—
बीकानेर जैसे संवेदनशील शहर में यह कपड़ा खुलेआम कैसे बिक रहा था? और अब तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं हुई? आलोचकों का कहना है कि जब तक कानूनी कार्रवाई नहीं होती, यह छापेमारी केवल औपचारिकता ही मानी जाएगी।

राजस्थान के लिए अलर्ट

बीकानेर महाजन फील्ड फायरिंग रेंज और सीमा सुरक्षा के लिहाज से अहम है। यहां सेना की वर्दी का अवैध व्यापार होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा अलार्म है। अब सवाल यह है कि जांच किस हद तक नेटवर्क का खुलासा करेगी और क्या सेना औपचारिक रिपोर्ट दर्ज कराएगी।

जैसा कि एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी ने कहा—
“सेना की वर्दी में केवल कपड़ा नहीं, बल्कि सैनिक का मान-सम्मान और देश की जनता का विश्वास निहित होता है। इसका गलत हाथों में जाना पूरे सुरक्षा तंत्र को खतरे में डाल सकता है।”




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