बीकानेर। राष्ट्रीय लोक अदालत ने शनिवार को न्याय के साथ रिश्तों की डोर को भी मजबूत किया। जिला न्यायालय परिसर में आयोजित लोक अदालत में पारिवारिक न्यायालय संख्या-2 की पीठासीन अधिकारी वमिता सिंह और अधिवक्ता हिमांशु गौतम के प्रयासों से पिछले पांच वर्षों से अलग रह रहे पांच दंपतियों में सुलह हो गई।
इन दंपतियों ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना की उपस्थिति में एक-दूसरे को माला पहनाकर साथ निभाने का संकल्प लिया। यह दृश्य अदालत परिसर में भावुक माहौल लेकर आया।
लोक अदालत में कुल 18,755 मामलों को सुना गया, जिनमें से 17,712 मामलों का निस्तारण आपसी सहमति और समझाइश से किया गया। इनमें बैंक ऋण, राजस्व विवाद, सिविल प्रकरण, श्रम विवाद, जनउपयोगी सेवाएं और पारिवारिक मामले प्रमुख रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मांडवी राजवी ने बताया कि लोक अदालत का उद्देश्य सिर्फ मामलों का निपटारा नहीं बल्कि आपसी समझाइश और सुलह से समाज में शांति कायम करना है। उन्होंने अधिवक्ताओं, अधिकारियों और पक्षकारों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
लोक अदालत के इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित किया कि न्यायालय केवल विवादों का निस्तारण ही नहीं करता, बल्कि टूटते रिश्तों को जोड़ने का माध्यम भी बन सकता है।

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