– साहित्य चेतना मंच व प्रकाश पुंज फाउंडेशन द्वारा रोटरी क्लब में विचार गोष्ठी व सम्मान समारोह आयोजित
बीकानेर, 16 नवम्बर 2025। साहित्य चेतना मंच और प्रकाश पुंज फाउंडेशन बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को रोटरी क्लब सभागार में 'छठा ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह एवं विचार गोष्ठी' का आयोजन किया गया। समारोह का आगाज़ पूनम चंद कंडारा, अमित वैरागी और ओम आलोक द्वारा प्रस्तुत भीम गीत से हुआ।
इस वर्ष का प्रतिष्ठित 'छठा ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान-2025' जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. किशोरी लाल रैगर 'पथिक' को प्रदान किया गया।
प्रो. रैगर को किया गया सम्मानित
प्रो. किशोरी लाल रैगर को साहित्य चेतना मंच के पदाधिकारियों (अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र वाल्मीकि, उपाध्यक्ष डॉ. दीपक मेवाती, महासचिव श्याम निर्मोही, सहसचिव अनिल बिड़लान, संरक्षक मदनपाल) और प्रकाश पुंज फाउंडेशन के (डॉ. सुभाष प्रज्ञ, नेमीचंद बारासा, दीनदयाल घारू) द्वारा प्रशस्ति पत्र, शॉल, साहित्यिक उपहार और स्मृति चिह्न भेंट करके सम्मानित किया गया।
सम्मान ग्रहण करने के बाद प्रो. रैगर ने कहा, "ओमप्रकाश वाल्मीकि का साहित्य समतामूलक समाज का आह्वान करता है। वाल्मीकि जी का लेखन एक पूरा आंदोलन था।"
"वाल्मीकि के साहित्य में संघर्ष और यथार्थ की चेतना" पर गोष्ठी
समारोह के दौरान 'ओमप्रकाश वाल्मीकि के साहित्य में संघर्ष और यथार्थ की चेतना' विषय पर एक विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई।
- मुख्य अतिथि बुलाकी शर्मा ने कहा, "ओमप्रकाश वाल्मीकि हिंदी साहित्य में चेतना के सशक्त हस्ताक्षर बनकर उभरे हैं। बीकानेर में दलित विमर्श का ये पहला कार्यक्रम ही नहीं बल्कि दलित विमर्श की चेतना का आगाज़ है।"
- मुख्य वक्ता प्रो. महेन्द्र सिंह बेनीवाल ने कहा, "ओमप्रकाश वाल्मीकि का जीवन और साहित्य संघर्ष और प्रतिरोध का रहा है। उनका जीवन और साहित्य सदैव प्रेरणा स्रोत रहेगा।"
- विशिष्ट वक्ता (अलवर) सरिता भारत ने कहा, "ओमप्रकाश वाल्मीकि का साहित्य हिंदी साहित्य में मील का पत्थर है।"
- वाल्मीकि के परम मित्र (जयपुर) जयप्रकाश वाल्मीकि ने उनके साथ बिताए पलों को साझा किया और उनकी कहानी 'शवयात्रा' के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया।
- अध्यक्षीय वक्तव्य में मंच के संरक्षक प्रो. राजेश पाल ने कहा, "साहित्य तब तक अधूरा है जब तक वह अपने समाज के निचले पायदान की पीड़ा की अभिव्यक्ति नहीं बनता। उनका साहित्य बौद्धिक चेतना का साहित्य था।"
स्मारिका और पुस्तक का विमोचन
कार्यक्रम में साहित्य चेतना मंच की रचनात्मक प्रस्तुति "घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि" स्मारिका-2025 का वितरण किया गया। साथ ही, अलवर की साहित्यकार सरिता भारत के नये कविता संग्रह 'दहलीज लांघती औरतें' का विमोचन भी किया गया।
साहित्य चेतना मंच के संरक्षक मदन पाल ने स्वागत भाषण दिया और अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र वाल्मीकि ने मंच का उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया। मंच का संचालन डॉ. दीपक मेवाती व डॉ. सुभाष प्रज्ञ ने कुशलतापूर्वक किया। अंत में, महासचिव श्याम निर्मोही ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।
समारोह में श्रीराम परोचा, सुनील पंवार, असद अली असद, नवनीत पांडे, मदन मेघवाल, राहुल जादुसंगत, मोहनलाल सोनल, आचार्य ओमप्रकाश घारू, डॉ. अनिल बारिया, शिवलाल तेजी, विनोद जावा सहित कई साहित्यकार और प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

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