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मंत्री किरोड़ीलाल ने पकड़ा नकली डीजल का खेल: 1.5 लाख लीटर तेल जब्त, ड्राइवर का खुलासा- नापासर थाने को देता हूं 15 हजार हफ्ता!

India-1stNews



– भारतमाला पर मंत्री ने लाइव देखी अवैध बिक्री, ड्राइवर को साथ लेकर पहुंचे नापासर फैक्ट्री

– फैक्ट्री में पलंग के नीचे बॉक्स में मिले 15 लाख रुपए कैश

बीकानेर, 6 नवंबर। राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने बुधवार देर रात बीकानेर के नापासर गांव में एक फैक्ट्री पर औचक छापेमारी करते हुए नकली बॉयो डीजल के एक बड़े गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया है। मंत्री की इस कार्रवाई में करीब डेढ़ लाख लीटर इंडस्ट्रियल ऑयल और एक पलंग के नीचे छिपाकर रखे 15 लाख रुपए कैश बरामद किए गए हैं।

​इस पूरे रैकेट का खुलासा खुद मंत्री मीणा ने भारतमाला एक्सप्रेस वे पर किया, जहाँ यह तेल अवैध रूप से ट्रकों को बेचा जा रहा था।

भारतमाला पर ऐसे पकड़ा गया 'खेल'

​दरसअल, किरोड़ीलाल मीणा जोधपुर से बीकानेर आ रहे थे। रास्ते में भारतमाला एक्सप्रेस वे पर उन्होंने एक ट्रक में पिकअप से डीजल भरते देखा। कुछ आगे जाकर यही नजारा दोबारा दिखा।

​जब तीसरा वाहन भी इसी तरह डीजल भरा रहा था, तो मंत्री मीणा ने अपनी गाड़ी रुकवाई और स्वयं वहां पहुंचकर ड्राइवरों से पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ के दौरान एक ड्राइवर ने पूरी पोल खोल दी।

ड्राइवर का कबूलनामा:

ड्राइवर ने मंत्री को बताया कि वह नापासर से यह डीजल लेकर आता है। उसने यह भी खुलासा किया कि वह "नापासर थाने को हर हफ्ते 15 हजार रुपए देता है", इसलिए उसे कोई रोकता नहीं है। ड्राइवर ने तेल के कांटे की रसीद भी दिखाई।


​इसके बाद, यही ड्राइवर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को लेकर नापासर स्थित इस फैक्ट्री पर पहुंचा।

फैक्ट्री में मिला जखीरा और फर्जी ई-वे बिल

​नापासर पहुंचने से पहले मंत्री मीणा ने संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा को अधिकारियों की एक टीम मौके पर भेजने के आदेश दिए।

​फैक्ट्री में बड़े-बड़े कंटेनरों में इंडस्ट्रियल ऑयल भरा हुआ था। जांच में पता चला कि यह केमिकल सूरत से लुधियाना और दिल्ली के नाम पर मंगवाया जाता था और इसका ई-वे बिल भी बनता था। हालांकि, टैंकर रास्ते में नापासर में ही खाली हो जाता था और बिल आगे भेज दिया जाता था। मौके से सूरत-अहमदाबाद से लुधियाना और दिल्ली के कई ई-वे बिल बरामद हुए हैं।

मालिक बोला- "भुजिया फैक्ट्रियों में जाता है तेल"

​फैक्ट्री मालिक केशव विजय ने बचाव करते हुए कहा कि वह इंडस्ट्रियल यूज के लिए केमिकल बनाते हैं, जिसका उपयोग भुजिया फैक्ट्रियों में किया जाता है।

अवैध तेल का अर्थशास्त्र

​जांच में सामने आया कि फैक्ट्री मालिक सूरत से यह ऑयल महज 45 रुपए प्रति लीटर में खरीदते हैं। इसे 72 रुपए प्रति लीटर में पिकअप वालों को बेचते हैं। पिकअप वाले इसमें 3 रुपए प्रति लीटर का फायदा जोड़कर इसे 75 रुपए प्रति लीटर में (डीजल के नाम पर) ट्रक ड्राइवरों को बेच देते हैं।



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