– बीकानेर के 3 थानों में पर्ची सट्टे के 9 मामले हैं दर्ज, फिर भी मिल गई ट्रेन में नौकरी
– मामूली कहा-सुनी के बाद एसी कोच अटेंडेंट ने स्लीपर कोच में जाकर मारे थे चाकू
बीकानेर, 5 नवंबर। चलती ट्रेन में सेना के जवान जिगर चौधरी की चाकू मारकर की गई दर्दनाक हत्या के मामले का बीकानेर पुलिस ने 24 घंटे से भी कम समय में खुलासा कर दिया है। इस जघन्य हत्याकांड का आरोपी जुबैर मेमन, जो ट्रेन में कोच अटेंडेंट था, उसे बीकानेर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
चौंकाने वाला खुलासा यह है कि आरोपी जुबैर बीकानेर का आदतन अपराधी और सटोरिया है। इस गिरफ्तारी ने रेलवे प्रशासन, ठेका प्रणाली और RPF/GRP की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर एक आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति को यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी नौकरी कैसे मिल गई।
9 मुकदमों का आरोपी, फिर भी बना अटेंडेंट
आरोपी जुबैर मेमन बीकानेर के फड़बाजार का रहने वाला है। पुलिस जांच में सामने आया है कि वह आदतन सटोरिया है और उसके खिलाफ पर्ची सट्टा (जुआ) करने के कोटगेट, सदर और नयाशहर पुलिस थानों में 9 मुकदमे दर्ज हैं।
इतने बड़े आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद, जुबैर को ठेके पर जम्मूतवी-साबरमती एक्सप्रेस के एसी कोच (बी-4) में यात्रियों को अटेंड करने की संवेदनशील जिम्मेदारी दी गई थी। यह घटना रेलवे द्वारा ठेके पर दिए जाने वाले कामों और कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन की पूरी प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाती है।
कहा-सुनी के बाद स्लीपर कोच में जाकर की हत्या
यह वारदात रविवार रात (3 नवंबर) को हुई, जब ट्रेन लूणकरणसर से बीकानेर के बीच चल रही थी। गुजरात के बनास जिले के गिड़ासन मोती गांव निवासी सेना के जवान जिगर चौधरी जम्मू में पोस्टेड थे और छुट्टी पर फिरोजपुर कैंट से अपने घर (गुजरात) जा रहे थे।
पुलिस के अनुसार, रात 10:30 बजे के बाद एसी कोच अटेंडेंट जुबैर की स्लीपर कोच (एस-2) में सफर कर रहे जवान जिगर से किसी बात पर कहा-सुनी हो गई। इसके बाद जुबैर वापस आया और उसने स्लीपर कोच में जाकर जवान पर चाकू से हमला कर दिया।
हमला इतना घातक था कि जवान के शरीर पर कूल्हे से पिंडली तक तीन गहरे घाव आए। अत्यधिक खून बहने से ट्रेन के बीकानेर पहुंचने तक जवान की मौत हो चुकी थी।
सुरक्षा पर सवाल
पुलिस का मानना है कि जुबैर का क्रिमिनल प्रवृत्ति का होना ही यह दर्शाता है कि वह अपने पास चाकू रखता था। चलती ट्रेन में RPF और GRP की मौजूदगी के बावजूद एक जवान की इस तरह हत्या, यात्रियों की सुरक्षा के दावों की पोल खोलती है।


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