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गोदारा गैंग पर बीकानेर पुलिस का 'नया दांव', पीड़ित नहीं, अब खुद SHO दर्ज करा रहे FIR

India-1stNews



– रंगदारी के खेल पर 'संगठित अपराध' की धाराओं में प्रहार, सदर थाने में 5 के खिलाफ एक और 'स्टेट केस' दर्ज

– सुखदेव चायल की रैकी करने वाला 'रोहित राणा' भी नामजद

बीकानेर, 11 नवंबर।

बीकानेर में गैंगस्टर रोहित गोदारा द्वारा व्यापारियों को धमकाकर रंगदारी मांगने के मामलों में पुलिस ने अपनी रणनीति पूरी तरह बदल दी है। अब पीड़ित के थाने तक आने का इंतजार करने के बजाय, बीकानेर पुलिस खुद 'वादी' (शिकायतकर्ता) बनकर इस सिंडिकेट के खिलाफ 'स्टेट केस' दर्ज कर रही है।

​पिछले एक महीने में, पुलिस ने संगठित अपराध की धाराओं के तहत खुद पहल करते हुए कोटगेट और सदर थाने में दो बड़ी एफआईआर दर्ज की हैं।

ताजा FIR: सदर थाने में 5 पर 'संगठित अपराध' का मामला

​इस नई रणनीति के तहत, मंगलवार को सदर थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने खुद अपने थाने में रोहित गोदारा सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस एफआईआर में:

  1. रोहित गोदारा
  2. जीतेंद्र चारण उर्फ जीतू
  3. वीरेंद्र चारण
  4. सुरेश बिश्नोई उर्फ शिकारी
  5. रोहित राणा

​को नामजद किया गया है।

रैकी करने वाला भी हुआ नामजद

​यह एफआईआर पिछले दिनों सुखदेव चायल से मांगी गई रंगदारी के मामले से जुड़ी है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि 'रोहित राणा' नामक शख्स ने ही सुखदेव चायल के घर के आसपास रैकी की थी और गैंग को इसकी सूचना दी थी।

​पुलिस द्वारा खुद दर्ज की गई इस एफआईआर में रोहित राणा को सूचनाओं की पुष्टि के बाद आरोपी बनाया गया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच अब जयनारायण व्यास कॉलोनी के थानाधिकारी विक्रम तिवाड़ी को सौंपी गई है।

पुलिस क्यों बन रही 'वादी'?

​आमतौर पर, पीड़ित व्यक्ति ही रंगदारी की एफआईआर दर्ज करवाता है। लेकिन रोहित गोदारा गैंग ने पिछले कुछ महीनों में डॉ. श्याम अग्रवाल, पीयूष शंगारी और सुखदेव चायल जैसे कई लोगों को धमकाया है, जिससे पीड़ितों में भय का माहौल है।

​पुलिस अब पीड़ित के बयान का इंतजार नहीं कर रही, बल्कि धमकियों की सूचना को ही आधार बनाकर, गैंग पर सख्ती करने के लिए खुद एफआईआर दर्ज कर रही है।

BNS की धारा 111 के तहत कस रहा शिकंजा

​पुलिस ने यह मामले भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 111 के तहत दर्ज किए हैं, जो 'संगठित अपराध और सिंडिकेट' से जुड़ी है। इस धारा के तहत, सिंडिकेट बनाकर अपराध करने पर पांच साल की सजा और पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।

  • पहली FIR (कोटगेट): 14 अक्टूबर को पुलिस ने डॉ. श्याम अग्रवाल को मिली धमकी की जांच के आधार पर, रोहित गोदारा सहित 24 लोगों के खिलाफ पहली 'स्टेट FIR' दर्ज की थी।
  • दूसरी FIR (सदर): अब सुखदेव चायल मामले के इनपुट पर यह दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है।

​हालांकि, इन दोनों एफआईआर में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस गैंग के पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए कानूनी शिकंजा कस रही है।


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