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बीकानेर में 'निरामय' अभियान का आगाज: बच्चों को खिलाएं राबड़ी-रोटी, खो-खो और कबड्डी से दूर होगा अवसाद

India-1stNews



– लोकराग फाउंडेशन व रोटरी रॉयल्स का 'निरामय' अभियान शुरू, बच्चों को घर का खाना और पारंपरिक खेल अपनाने की सलाह

बीकानेर, 18 नवंबर। "आजकल 7-8 साल के बच्चों को मोबाइल गेम और कार्टून के किरदारों के नाम तो याद रहते हैं, लेकिन जब उनसे उनके चाचा, दादी या नाना-नानी का नाम पूछो, तो वे नहीं बता पाते। यह हमारी सांस्कृतिक कमी बनती जा रही है।"

​यह चिंताजनक और विचारणीय बात वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. श्याम अग्रवाल ने सोमवार को एसडीपी मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कही। मौका था लोकराग फाउंडेशन और रोटरी रॉयल्स द्वारा शुरू किए गए स्वास्थ्य जागरूकता अभियान ‘निरामय’ के शुभारंभ का।

"0 से 6 साल तक नो स्क्रीन, 6 के बाद कबड्डी-खोखो"

​कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों और शिक्षकों से संवाद करते हुए डॉ. अग्रवाल ने अभिभावकों और बच्चों को स्पष्ट सलाह दी:

  • 0 से 6 वर्ष: बच्चों को मोबाइल और टीवी स्क्रीन से पूरी तरह दूर रखें।
  • 6 से 14 वर्ष: बच्चों को खो-खो, कबड्डी जैसे पारंपरिक खेलों में जरूर शामिल करें। इससे मानसिक विकास बेहतर होता है और अवसाद (Depression) की संभावना कम रहती है।
  • खान-पान: पिज्जा-बर्गर की जगह रोटी, राबड़ी, सलाद और हरी सब्जियां खाने की आदत डालें।

"घर का खाना ही सर्वोत्तम": CMHO

​कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. पुखराज साध ने कहा कि बाहर के खाने में मिलावट की आशंका रहती है जो बच्चों के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा, "चाहे फास्ट फूड हो या मिठाई, घर का बना हुआ खाना ही सबसे शुद्ध और सुरक्षित है।"

विद्यार्थी जीवन के 5 नियम

​चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक डॉ. राहुल हर्ष ने छात्रों को विद्यार्थी जीवन के पांच नियमों— काग चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा, अल्पहारी और गृहत्यागी (यहाँ तात्पर्य अनुशासन और शारीरिक चुस्ती से है)—का पालन करने की प्रेरणा दी।

निःशुल्क जांच शिविर आयोजित

​सेमिनार के दौरान 40 विद्यार्थियों और 10 शिक्षकों की निःशुल्क हीमोग्लोबिन और शुगर की जांच की गई, जिसमें डॉ. श्याम अग्रवाल चाइल्ड केयर हॉस्पिटल के राजकुमार देवड़ा का सहयोग रहा।

​कार्यक्रम में रोटरी रॉयल्स के अध्यक्ष सुनील चमड़िया, सचिव विपिन लड्ढा, लोकराग फाउंडेशन के निदेशक विनय थानवी, आनंद आचार्य, योगेश खत्री और विद्यालय प्राचार्या डॉ. सीमा पुरोहित ने भी विचार व्यक्त किए। इस दौरान शाला प्रबंधक केशव पुरोहित, रविकान्त पुरोहित, सीए दीपक व्यास सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।


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