जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने नशीले पदार्थों से जुड़े एक मामले में आरोपी को राहत देते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने पुलिस जांच पर भी सवाल उठाए हैं और प्रतापगढ़ के एसपी को दो हफ्ते में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
मामला राठांजना थाना क्षेत्र, जिला प्रतापगढ़ का है। यहां पुलिस ने एक छोड़ी हुई कार से मादक पदार्थ बरामद किए थे। पुलिस का दावा था कि कार आरोपी राकेश पुत्र कालूराम खीचड़ की है, जो मोगरा कला, जोधपुर का रहने वाला है और फिलहाल प्रतापगढ़ जेल में बंद था।
राकेश के वकील राहुल सोनी ने कोर्ट में कहा कि कार का राकेश से कोई संबंध नहीं है। न तो वह कार का मालिक है और न उसने उसे खरीदा है। उसे गलत तरीके से फंसाया गया है।
अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि कार की खरीद-बिक्री से जुड़े कागजात संदिग्ध हैं। पुलिस यह नहीं बता पाई कि ₹3.50 लाख का भुगतान कैसे और कब हुआ। कोर्ट ने कहा कि दस्तावेज बाद में बनाए गए लगते हैं और पुलिस ने बिना ठोस सबूत आरोपी को कार का मालिक मान लिया।
कोर्ट ने यह भी माना कि जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल हो गई है। आरोपी 26 मार्च 2025 से जेल में बंद है। इन परिस्थितियों में अदालत ने उसे ₹1 लाख के मुचलके और दो ₹50,000 के जमानतदारों की शर्त पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत ने पुलिस जांच की निष्पक्षता पर चिंता जताते हुए एसपी प्रतापगढ़ को निर्देश दिया कि वह जांच करें कि पुलिस की विवेचना निष्पक्ष थी या नहीं और वाहन से जुड़े दस्तावेज असली हैं या नहीं। एसपी को दो हफ्ते में रिपोर्ट पेश करनी होगी।

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