बीकानेर। प्रेतात्मा का भय दिखाकर और खेत में करोड़ों का खजाना निकाल कर देने का झांसा देकर 28 लाख रुपए ठगने का मामला गुरुवार को दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार गांव रीड़ी निवासी रेवंतनाथ सिद्ध पुत्र इमरतनाथ सिद्ध ने थाने में दी रिपोर्ट में बताया कि अभयसिंहपुरा सड़क स्थित उसके खेत में पूर्वजों के समय से ही खजाना होने का अंदेशा था।
अप्रेल में गांव का ही टेमाराम मेघवाल उसके पास आया और उसे खेत में गड़ा धन निकालने के लिए आदमी बुलाने का झांसा दिया। टेमाराम ने नागौर निवासी रामेश्वर लाल मेघवाल को उसके खेत में बुलाया तो रामेश्वर लाल ने उसके खेत में निरीक्षण कर तीन जगह धन गड़े होने की बात कही। बाद में टेमाराम ने दिल्ली से एक मौलवी बुलाया और मौलवी ने खेत देख कर दो जगह पर खजाना होने की बात कही।
मौलवी ने उससे 6 लाख नकद लेने की बात कही और खजाना निकाल देने का आश्वासन दिया। उसने भी 10 हजार नकद दे दिए और काम शुरू करने को कहा। बाद में मौलवी ने काम करने के लिए गत 14 मई को दो और मौलवियों को श्रीडूंगरगढ भेजा। इन दोनों ने भी खेत देखा और खजाना निकाल देने की बात कही। साथ में किसी को बता देने पर अनिष्ट होने की धमकी दी। बाद में 18 मई को दोनों वापस आए व रात को उसके खेत में परिजनों से गड्ढा खुदवाया। आरोपियों ने गड्ढे को चादर से ढक दिया और गड्ढे में एक सांप व एक मटके में सोना भी दिखाया। आरोपियों ने खजाना होने का विश्वास दिलाते हुए कहा कि खजाने का मालिक एक प्रेत है और उसे शांत नहीं किया तो वह पूरे परिवार को मार देगा। इसके बाद आरोपियों ने सांप को एक दूसरे घड़े में डाल दिया और बाद में दोनों घड़ों को एक संदूक में रख कर ताला लगा दिया व उनके कहने तक ताला नहीं खोलने की हिदायत देकर चले गए।
आरोपियों ने प्रेत का डर और प्रेतात्मा को शांत करने का झांसा देकर उससे अलग-अलग बार दिल्ली और फरीदाबाद बुलाकर 28 लाख रुपए ठग लिए। आरोपी ने उन्हें 13 जून को उनके खेत आने व खजाने का घड़ा खोलने की बात कही। 13 जून को नहीं आने पर उसके नंबर पर फोन किए, तो फोन एक महिला ने उठाया और फोन वाले व्यक्ति को पुलिस द्वारा पकड़ लेने की बात कही। इतना सब होने पर उसका माथा ठनका और परिजनों को साथ लेकर घड़े को खोला, तो पहला घड़ा तो मिट्टी से भरा मिला, जिसमें एक सिक्का था और दूसरे घड़े एक सांप निकला। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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