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बीकानेर: अफीम तस्करी केस में निर्दोष को फंसाने का आरोप, हाईकोर्ट ने चार्जशीट पर लगाई रोक

India-1stNews





बीकानेर। जिले की पांचू पुलिस पर एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में बिना नामजद और बिना ठोस साक्ष्यों के ही निर्दोष को आरोपी बनाने का गंभीर आरोप लगा है। तिंवरी (जोधपुर) निवासी पन्नालाल ने इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट में रिट दायर की, जिस पर कोर्ट ने पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने से रोक दिया है।

हाईकोर्ट के जस्टिस मुकेश राजपुरोहित ने मामले में जांच अधिकारी को केस डायरी सहित पेश होने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 22 अगस्त को तय की गई है।

ये है मामला
18 अप्रैल को पांचू थाना पुलिस ने भारतमाला रोड टोल प्लाजा पर नाकाबंदी के दौरान बस से उतरे संदिग्ध सुन्दरलाल पुत्र सोहनलाल माली (निवासी ओसियां, जोधपुर) को गिरफ्तार कर उसके पास से 874 ग्राम अफीम बरामद की। पूछताछ में सुन्दरलाल ने साफ कहा कि उसने अफीम नारू बिश्नोई निवासी एकलखोरी (ओसियां) से खरीदी थी। एफआईआर में भी यही उल्लेख दर्ज किया गया।

इसके बावजूद पुलिस ने नारू बिश्नोई की बजाय तिंवरी निवासी 60 वर्षीय पन्नालाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पन्नालाल का नाम न तो एफआईआर में था, न ही सुन्दरलाल के बयान में आया, और न ही उसके पास से कोई बरामदगी हुई। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई।

पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
याचिकाकर्ता पन्नालाल ने हाईकोर्ट में दायर रिट में कहा कि वह समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, उनका किसी अवैध गतिविधि से कोई संबंध नहीं है। पुलिस ने केवल आशंका और अनुमान के आधार पर उन्हें आरोपी बना दिया।

कोर्ट के निर्देश
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए निर्देश दिया कि अगली तारीख तक पन्नालाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की जाए। साथ ही, जांच अधिकारी को केस डायरी के साथ कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए।

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