बीकानेर। महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम में रविवार को कथाकार मनीष कुमार जोशी के नवीन कथा संग्रह ‘लव डॉट कॉम’ का विमोचन समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा कि “साहित्य लोगों से जुड़ने का सशक्त माध्यम है। व्यस्त जीवन में साहित्य सुकून और संवेदना का अहसास कराता है।”
कार्यक्रम में अतिरिक्त कलेक्टर (नगर) रमेश देव, वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य, और हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक डॉ. ब्रजरत्न जोशी ने भी ‘लव डॉट कॉम’ का विमोचन किया।
विमोचन के पश्चात बोलते हुए रमेश देव ने कहा कि “साहित्य में स्मृतियों का बहुत महत्व है — जिसके पास स्मृतियाँ हैं, वही सृजन कर सकता है।” उन्होंने कहा कि मनीष की कहानियाँ पाठक के मन में गहराई से सवाल छोड़ती हैं।
वरिष्ठ आलोचक डॉ. ब्रजरत्न जोशी ने कहा कि किसी कहानी का मूल्यांकन केवल कथ्य से नहीं, बल्कि उसके शिल्प से भी होता है। मनीष की कहानियाँ उद्देश्य और संरचना — दोनों ही स्तरों पर प्रभावी हैं।
मधु आचार्य ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मनीष की कहानियाँ संवेदना के स्तर पर पाठक के मन को छूती हैं। उन्होंने कहा कि मनीष की लेखन शैली अलग है — वे घटित घटनाओं को भावनात्मक अभिव्यक्ति में पिरो देते हैं।
अपने वक्तव्य में लेखक मनीष कुमार जोशी ने कहा कि उन्होंने वही लिखा है, “जो स्वयं जिया और महसूस किया।” उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि उनकी कहानियाँ अधिक से अधिक पाठकों तक पहुँचें।
डॉ. रेणुका व्यास नीलम ने ‘लव डॉट कॉम’ पर पत्र वाचन करते हुए पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि मनीष की कहानियाँ पाठक के भीतर गहराई तक उतरती हैं और आधुनिक समाज के रिश्तों की जटिलताओं को सहजता से उजागर करती हैं।
इस अवसर पर आत्माराम भाटी ने लेखक परिचय प्रस्तुत किया, जबकि प्रकाशक प्रशांत बिस्सा ने मनीष को “युवाओं में लोकप्रिय, संवेदनशील लेखक” बताया। साहित्यकार संजय पुरोहित ने कार्यक्रम का संचालन किया और मनीष की रचनात्मक यात्रा पर प्रकाश डाला।
अंत में पश्चिमी राजस्थान लेखक संघ के अध्यक्ष मनोज व्यास ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में डॉ. अजय जोशी, राजेंद्र जोशी, हरीश बी. शर्मा, राजाराम स्वर्णकार, हिमांशु भाटिया, अशोक रंगा, मनोज पंचारिया, गिरीराज पररिक, कमल पारीक, गोपाल सोनी, जयप्रकाश राणा सहित अनेक साहित्यप्रेमी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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