बीकानेर/देशनोक। देशनोक में नाबालिग के अपहरण के मामले ने तनाव का माहौल बना दिया है। कस्बेवासियों ने आरोप लगाया है कि इस घटना के पीछे अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी रोहिंग्या मजदूर शामिल हैं। गुरुवार शाम लोगों ने थाने के बाहर प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी और रोहिंग्या परिवारों की पहचान कर कार्रवाई की मांग की।
गुस्साए लोग थाने पहुंचे
पूर्व पालिका उपाध्यक्ष हनुमान दान और अधिवक्ता जे.डी. चारण की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोग देशनोक थाने पर जमा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है जबकि इलाके में लंबे समय से रोहिंग्या लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं।
"योजनाबद्ध तरीके से घटनाएं"
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने तीन दिन में गिरफ्तारी नहीं होने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी।
पुलिस का जवाब
प्रदर्शनकारियों ने दस से अधिक रोहिंग्या मजदूरों की सूची थाने को सौंप दी। इस पर एएसआई हनुमंत सिंह ने जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया।
भारी संख्या में लोग रहे मौजूद
घेराव के दौरान मनोज दान, नारायण दान, विक्रम दान, देवेंद्र सिंह, अखाराम जाट, अरविंद चारण, संदीप दान, सुमेर दान, वीरेंद्र, मणिराज, राकेश जाट, गोपाल जोशी, रामरतन मेघवाल, शक्तिसिंह चौहान, मुकेश सेवग, विष्णु देपावत, रविन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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