– 2018 का मामला: बच्चे के गायब होने का नाटक रचा, पड़ोसी ने खोला राज तो खेत से खुदाया गया था शव
बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में 9 साल के मासूम भतीजे की गोली मारकर हत्या करने और सबूत मिटाने के लिए शव को खेत में दफनाने वाले कलियुगी ताऊ को अदालत ने सख्त सजा सुनाई है। एडीजे कोर्ट की जज सरिता नौशाद ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी पवन (पुत्र मोहनराम) को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई।
इस मामले में करीब 8 साल तक कोर्ट में सुनवाई चली, जिसके बाद आज पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।
संतान नहीं थी, इसलिए भतीजे को ले गया था साथ
अपर लोक अभियोजक सोहननाथ सिद्ध ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी पवन के कोई संतान नहीं थी। इस कारण वह अपने छोटे भाई के बेटे (भतीजे) मुकेश (9 वर्ष) को अपने पास ले गया था।
मृतक की मां और परिवादिया केसरदेवी (निवासी दातारामगढ़, हाल कालेरा रोही) ने बताया कि उसने अपनी ननद और नणदोई के जरिए मुकेश को आरोपी के डेरे पर भेजा था।
पहले बोला 'गायब हो गया', पड़ोसी ने खोली पोल
बच्चे को ले जाने के कुछ समय बाद पवन ने परिजनों को बताया कि मुकेश रात में डेरे से कहीं गायब हो गया है। परिजन जब तलाश में जुटे, तो एक पड़ोसी ने इस राज से पर्दा उठाया। पड़ोसी ने बताया कि पवन ने ही रात में मुकेश को गोली मार दी थी और शव को घर के पास खेत में मिट्टी में दबा दिया है।
जमीन खोदकर निकाला गया था शव
केसरदेवी ने 28 जनवरी 2018 को अपने जेठ पवन के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई।
- गिरफ्तारी: पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 30 जनवरी 2018 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
- बरामदगी: पुलिस टीम ने आरोपी की निशानदेही पर चुनाराम के खेत से जमीन में दफनाए गए मासूम के शव को बाहर निकाला और उसका पोस्टमॉर्टम करवाया।
- साक्ष्य: पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त बंदूक और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य भी बरामद कर कोर्ट में पेश किए, जो सजा दिलाने में अहम साबित हुए।

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