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बीकानेर राजघराना विवाद: पूर्व महाराजा की पुण्यतिथि पर जूनागढ़ मंदिर में दर्शन करने से रोकी गईं राज्यश्री कुमारी, देखे वीडियो

India-1stNews



बीकानेर, 24 अक्टूबर। बीकानेर के पूर्व राजपरिवार का संपत्ति और ट्रस्ट नियंत्रण विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। शुक्रवार को पूर्व महाराजा नरेंद्र सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर जूनागढ़ किले में स्थित मंदिरों में दर्शन करने पहुंचीं अंतरराष्ट्रीय शूटर राज्यश्री कुमारी को किले के मुख्य द्वार पर ही रोक दिया गया।

​सिक्योरिटी गार्ड और कोटगेट थानाधिकारी विश्वजीत सिंह ने राज्यश्री कुमारी, एडवोकेट कमल नारायण पुरोहित और अविनाश व्यास को किले में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद राज्यश्री लगभग डेढ़ से दो घंटे इंतजार करने के बाद वापस लौट गईं।

पूजा के अधिकार का हनन: राज्यश्री कुमारी

​राज्यश्री कुमारी ने मीडिया से बात करते हुए इसे पूजा के अधिकार का हनन बताया। उन्होंने कहा कि वह पूर्व महाराजा नरेंद्र सिंह की पुण्यतिथि पर पुरखों द्वारा बनाए गए मंदिर में दर्शन करने आई थीं, लेकिन उन्हें रोका गया। उन्होंने कानून पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा।

​राज्यश्री कुमारी, जो वर्तमान भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी की बुआ हैं, करणी सिंह ट्रस्ट की संचालक भी हैं। वर्तमान में रायसिंह ट्रस्ट के अधीन जूनागढ़ किला है, जहाँ प्राचीना नाम से एक म्यूजियम संचालित होता है, जिसका नियंत्रण सिद्धि कुमारी करती हैं। दोनों बुआ-भतीजी के बीच लंबे समय से पूर्व राजपरिवार की अरबों रुपये की संपत्ति और ट्रस्टों के नियंत्रण को लेकर विवाद चल रहा है।

विवाद का मुख्य आधार: करणी सिंह की वसीयत

​यह विवाद मुख्य रूप से डॉ. करणी सिंह की वसीयत से जुड़ा है। उन्होंने वसीयत में अपनी संपत्ति से जुड़े ट्रस्टों की देखरेख के लिए 5 एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किए थे, जिनमें उनकी पत्नी सुशीला कुमारी, राजसिंह डूंगरपुर, अरविंद सिंह मेवाड़, मानेकशा और राज्यश्री कुमारी शामिल थीं।

​सुशीला कुमारी के निधन के बाद, अन्य तीन एडमिनिस्ट्रेटर की भी मृत्यु हो गई। राज्यश्री अकेली एडमिनिस्ट्रेटर बचीं। इसी बात को आधार बनाते हुए उनकी भतीजी सिद्धि कुमारी ने एडमिनिस्ट्रेटर-शिप को चुनौती दी और संपत्तियों पर अपना अधिकार जताते हुए अदालत में केस दायर कर दिया।

हालिया कोर्ट स्टे और दावा

  • ​सिद्धि कुमारी ने अदालत में राज्यश्री के नियंत्रण से संपत्तियों और हिसाब-किताब का कब्जा मांगा था।
  • ​जवाब में राज्यश्री ने तर्क दिया कि सिद्धि कुमारी स्वयं मान रही हैं कि नियंत्रण उनके (राज्यश्री) पास है, जिसका अर्थ है कि सिद्धि कुमारी अवैध रूप से संपत्ति खुर्द-बुर्द करने की कोशिश कर रही हैं।
  • ​कोर्ट ने 22 अक्टूबर को फैसला सुनाया कि जब तक केस का फैसला नहीं आता, तब तक संपत्तियों पर स्टे रहेगा। इस स्टे को राज्यश्री ने अपने पक्ष में मानते हुए ट्रस्ट पर स्वयं के अधिकार का दावा किया।

ट्रस्ट और अरबों की संपत्ति

​राजघराने के विवादित ट्रस्टों में महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट, महाराजा राय सिंह ट्रस्ट, करणी सिंह फाउंडेशन आदि शामिल हैं।

  • गंगा सिंह ट्रस्ट के अधीन लालगढ़ पैलेस और लक्ष्मी निवास पैलेस हैं, जो वर्तमान में फाइव स्टार होटल के रूप में संचालित हो रहे हैं। इनकी मौजूदा कीमत अरबों रुपये में आंकी गई है।
  • रायसिंह ट्रस्ट के अधीन जूनागढ़ किला है, जहां आज राज्यश्री को रोका गया।

​फिलहाल विधायक सिद्धि कुमारी की ओर से इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है।



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