Mobile Logo Settings

Mobile Logo Settings

बीकानेर: डॉ. बी.एल. स्वामी को मेडिकल बोर्ड से क्लीन चिट, अस्पताल में हंगामा करने वालों पर एफआईआर दर्ज

India-1stNews



बीकानेर। आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर और इसके प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बी.एल. स्वामी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में डॉ. स्वामी को इलाज में लापरवाही के आरोपों से प्रथम दृष्टया क्लीन चिट दे दी है। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मामला कैसे शुरू हुआ?

25 अगस्त को रामनिवास कुकना, कृष्णा गोदारा और हरीराम गोदारा सहित 8–10 लोगों ने बिना अनुमति के अस्पताल परिसर में प्रवेश कर डॉ. स्वामी पर गंभीर आरोप लगाए। आरोपियों ने कहा कि मरीज रामेश्वर लाल की मृत्यु गलत इलाज और पेसमेकर लगाने से हुई। उन्होंने सोशल मीडिया, न्यूज़ चैनलों और अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर डॉ. स्वामी को लेकर अपमानजनक बयान दिए—जैसे “डॉ. स्वामी ने सैकड़ों लोगों को मार दिया”, “अस्पताल में गोरखधंधा चल रहा है” और “बी.एल. स्वामी नरभक्षी है”

एफआईआर और पुलिस जांच

आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के प्रबंधक डॉ. टीकमचंद स्वामी की शिकायत पर 6 अक्टूबर को सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।
एफआईआर के अनुसार, 24 अगस्त को आरोपियों ने अस्पताल में घुसकर डॉ. स्वामी से 10 लाख रुपये की मांग की और धमकी दी कि पैसे न देने पर उनकी सामाजिक व मीडिया के जरिए बदनामी की जाएगी। इस दौरान उन्होंने अस्पताल स्टाफ व मरीजों से दुर्व्यवहार किया और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए हंगामा फैलाया।

पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 और राजस्थान मेडिकेयर सेवा संस्थान (हिंसा और संपत्ति क्षति निवारण) अधिनियम, 2022 के तहत मामला दर्ज किया है। इसमें धारा 115(2), 189(2), 308(2), 351(2) बीएनएस समेत अन्य प्रावधान शामिल हैं।

मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के आदेश पर गठित बोर्ड ने 13 सितंबर को मरीज रामेश्वर लाल (उम्र 52) की मृत्यु की जांच की।

  • मरीज 22 अगस्त को बेहोशी और चक्कर की शिकायत के साथ भर्ती हुआ था।
  • जांच में पाया गया कि पेसमेकर पॉकेट में पहले से संक्रमण और खराब स्वच्छता थी, जिसका उपचार पहले नहीं कराया गया था।
  • पेसमेकर सफलतापूर्वक बदला गया और पोस्टमार्टम में डोरियां सही पाई गईं।

रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि डॉ. स्वामी की ओर से कोई लापरवाही नहीं पाई गई। अंतिम राय विस्तृत जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगी।

मुआवजे की मांग

डॉ. स्वामी ने आरोपियों के खिलाफ 2 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि अपमानजनक बयानों से उनकी मानसिक पीड़ा, आर्थिक नुकसान और पेशेवर प्रतिष्ठा पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।

डॉ. स्वामी की प्रतिष्ठा

2020 में स्थापित आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर और डॉ. बी.एल. स्वामी ने अब तक एक लाख से अधिक मरीजों का सफल इलाज किया है। बीकानेर और पूरे राजस्थान में उनकी गिनती प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों में होती है। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ने एक बार फिर उनकी चिकित्सकीय साख को मजबूती दी है।




Post a Comment

0 Comments