बीकानेर। शहर के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र के.ई.एम. रोड स्थित दो दुकानों को लेकर चल रहा 11 वर्षों का लंबा किरायेदारी विवाद आज आखिरकार समाप्त हो गया। गुरुवार को बीकानेर न्यायालय के निर्णायक आदेश के बाद, पुलिस और प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में दोनों दुकानों को किरायेदारों से खाली कराकर दुकान मालकिन को कब्जा सौंप दिया गया।
क्या था 11 साल पुराना विवाद?
यह मामला करीब 11 वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। दुकान मालकिन रतनी देवी पत्नी स्वर्गीय दयाप्रकाश (निवासी चौतीना कुआं) ने अपनी दो दुकानों के किरायेदारों – उषा (निवासी पारीक चौक) और नारायण (निवासी आसानियों का चौक) के खिलाफ किराया अधिकरण, बीकानेर में बेदखली का आवेदन दिया था। मालकिन ने शिकायत की थी कि किरायेदार वर्षों से दुकान खाली नहीं कर रहे हैं।
न्यायालय ने बरकरार रखा बेदखली का फैसला
मामले की सुनवाई के बाद, दिनांक 12 अप्रैल 2019 को माननीय किराया अधिकरण ने रतनी देवी के पक्ष में डिक्री पारित करते हुए बेदखली का आदेश दिया। किरायेदारों ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की, लेकिन अपील किराया अधिकरण ने भी मूल निर्णय को बरकरार रखा।
न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद, पीठासीन अधिकारी शाजिद हुसैन छींपा ने 20 सितंबर 2025 को पुलिस इमदाद के साथ बेदखली वारंट जारी किया।
पुलिस सुरक्षा में मिला कब्जा
गुरुवार को न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया गया। सैल आमिन सत्यनारायण शर्मा, कोटगेट थाना पुलिस के अधिकारीगण और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। दोनों दुकानों को कानून सम्मत तरीके से खाली कराया गया और उनका भौतिक कब्जा दुकान मालकिन रतनी देवी को सौंप दिया गया।
इस कानूनी लड़ाई में मालकिन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार पुरोहित ने पैरवी की।
न्याय मिलने के बाद रतनी देवी ने राहत व्यक्त करते हुए न्यायालय और प्रशासन का आभार जताया और कहा, "न्याय में देर भले हो, लेकिन न्याय अवश्य मिलता है।"
0 Comments