बीकानेर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों की टैगिंग के दौरान "खर्चा-पानी" मांग रही एक सरकारी महिला कर्मचारी का वीडियो वायरल होने के बाद जिला परिषद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। ग्राम पंचायत कल्याणसर अगुणा में कार्यरत एलडीसी मीना जैन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
टैगिंग के लिए मांगे दो हजार रुपए
वीडियो में मीना जैन एक ग्रामीण से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर की टैगिंग करने के बदले दो हजार रुपए मांगती नजर आ रही है। वह कहती है — "दूर से आई हूं, थोड़ा खर्चा-पानी दे दो।"
जब ग्रामीण ने पैसे नहीं होने की बात कही, तो उसने कहा कि "हजार रुपए ही दे दो।"
वीडियो वायरल होते ही हरकत में आई जिला परिषद
ग्रामीणों ने यह वीडियो बनाकर जिला परिषद के सीईओ सोहनलाल (IAS) तक पहुंचाया। वीडियो में स्पष्ट रूप से रिश्वत मांगने की बात सामने आने पर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। सीईओ ने मामले को गंभीर मानते हुए मीना जैन को राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 16 के तहत निलंबित कर दिया।
मुख्यालय बीकानेर में रहना होगा
निलंबन अवधि में मीना जैन को बीकानेर जिला परिषद के मुख्यालय में रहना होगा। उसे वेतन के स्थान पर निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। साथ ही, मामले की विस्तृत जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। विकास अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि जैन के सेवा रिकॉर्ड में यह निलंबन अंकित किया जाए ताकि भविष्य में भी कठोर कार्रवाई संभव हो सके।
क्या है टैगिंग व्यवस्था?
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने ऑनलाइन टैगिंग सिस्टम लागू किया है।
इस प्रक्रिया में मोबाइल के माध्यम से यह सत्यापित किया जाता है कि जिस मकान के लिए राशि स्वीकृत की गई है, वही मकान बन रहा है या नहीं। इस व्यवस्था से एक ही स्थान पर दो बार भुगतान या फर्जीवाड़े की संभावना खत्म हो जाती है।
प्रशासन सख्त, जांच जारी
जिला परिषद प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि गरीबों की योजनाओं में गड़बड़ी या भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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