– करणीनगर में एक माह से खुदी पड़ी है सीवरेज की सड़क, प्रशासन मौन
– पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई ने दी आंदोलन की चेतावनी; मंत्री अर्जुनराम भी जता चुके हैं सड़कों पर व्यथा
बीकानेर, 16 नवंबर।केंद्र व राज्य सरकार के विकास के दावों के बीच, बीकानेर के करणीनगर इलाके से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो बदहाल सिस्टम और लापरवाह प्रशासन की पोल खोलता है। यहाँ देर रात एक प्रसूता को लेबर पेन (प्रसव पीड़ा) से कराहती महिला को क्षतिग्रस्त सड़क का श्राप भोगना पड़ा। अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला का प्रसव बीच सड़क वाहन में ही हो गया।
इसकी वजह न तो किसी एम्बूलेंस का खराब होना था और न ही वाहन का, बल्कि इसकी बड़ी वजह रही एक माह से अधिक समय से क्षतिग्रस्त पड़ी सड़क।
एक माह से खुदी सड़क बनी नासूर
बताया जा रहा है कि इस सड़क पर पिछले एक माह से ज्यादा समय से सीवरेज का काम चल रहा है, जिसके कारण सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। यहाँ से पैदल राहगीरों तो क्या, वाहन चालकों का भी चलना दूभर हो गया है। न केवल इस क्षेत्र में रहने वाले, बल्कि क्षेत्र में स्थित कार्यालयों में कार्यरत कार्मिक व दुकान संचालक भी खासे परेशान हैं।
इसको लेकर कई बार स्थानीय समाचार पत्रों में खबरें छप चुकी हैं, किन्तु जिला प्रशासन के आलाधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पूर्व पार्षद ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस शर्मनाक घटना के बाद पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई ने नाराजगी जताते हुए प्रशासन के अधिकारियों को चेताया है। सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव आकर विश्नोई ने कहा कि अगर एक माह में इस सड़क की सूरत नहीं बदली तो सीवरेज कंपनी 'टैक्नो' (Techno) की "शिरत बदल देंगे"।
विश्नोई ने कहा कि प्रशासन को नींद से जगाने के लिये आन्दोलन किया जाएगा। उन्होंने घटना पर शर्मसार होते हुए कहा कि सरकार महिला सुरक्षा व प्रसूताओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत इन दावों से परे है।
मंत्री भी जता चुके हैं व्यथा, फिर भी अफसर मौन
मंजर तो यह है कि केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी शहर की सड़कों के खस्ता हाल को लेकर पिछले दिनों जिला कलक्टर सभागार में हुई बैठक में अपनी व्यथा जता चुके हैं। फिर भी प्रशासन के मुखिया (संभागीय आयुक्त या जिला कलक्टर) को इसकी कोई परवाह नहीं है।
मजे की बात तो यह है कि समाचार पत्रों, सोशल मीडिया व टीवी चैनलों में लापरवाह सीवरेज सिस्टम को लेकर खबरें छपने के बाद भी, कंपनी की ओर से कार्य की निर्धारित समय अवधि बीत जाने के बाद भी, कंपनी पर न तो जुर्माना लगाया जा रहा है और न ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई का दंड दिया जा रहा है।

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