– अनूपगढ़ थाने का कॉन्स्टेबल था अमरजीत चौहान, 23 नवंबर को सड़क किनारे मिला था शव
– जेब में नहीं था फोन या पहचान पत्र; अब DNA टेस्ट से होगी अंतिम पुष्टि
बीकानेर/खाजूवाला, 6 दिसंबर।बीकानेर जिले के खाजूवाला में 23 नवंबर को सड़क किनारे मिले जिस अज्ञात शव को पुलिस ने शिनाख्त न होने पर लावारिस समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था, उसकी पहचान 13 दिन बाद एक पुलिस कॉन्स्टेबल के रूप में हुई है।
मृतक की पहचान अमरजीत चौहान के रूप में हुई है, जो श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ पुलिस थाने में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे। इस खुलासे ने पुलिस महकमे को भी सकते में डाल दिया है।
कपड़े, जूते और हाथ पर खुदे नाम से खुली गुत्थी
23 नवंबर को शव मिलने के बाद पुलिस ने उसे 6 दिन तक मॉर्च्युरी में रखा। कोई वारिस नहीं आने पर पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन मृतक के कपड़े और सामान सुरक्षित रख लिए थे।
- पहचान के सुराग: मृतक ने स्लेटी रंग का ट्रैक शूट, स्केचर्स कंपनी के जूते और जॉकी कंपनी के अंडरगार्मेंट्स पहन रखे थे। सबसे अहम सुराग उसके दाहिने हाथ पर लिखा 'अमरजीत चौहान' नाम साबित हुआ।
- तैनाती: जांच में पता चला कि अमरजीत पहले श्रीगंगानगर ट्रैफिक पुलिस में थे और वर्तमान में अनूपगढ़ थाने में पदस्थापित थे।
ताऊ से मिलने आ रहे थे खाजूवाला
कॉन्स्टेबल अमरजीत चौहान मूल रूप से श्रीगंगानगर जिले के पास हाकमाबाद के रहने वाले थे। जानकारी के अनुसार, 23 नवंबर को वे खाजूवाला के निकटवर्ती ग्राम पंचायत 3 पावली के चक 1 केजेड़ी में रहने वाले अपने ताऊ से मिलने आ रहे थे, तभी यह हादसा हो गया।
सड़क किनारे उल्टे मुंह पड़ा मिला था शव
कार्यवाहक थानाधिकारी हरपाल सिंह ने बताया कि 23 नवंबर को खाजूवाला-रावला सड़क मार्ग पर चक 7 पीएचएम बस स्टैंड के पास शव सड़क किनारे उल्टे मुंह पड़ा मिला था। जेब में न फोन था, न कोई कागज, इसलिए पहचान नहीं हो सकी थी।
अब DNA से होगी पुष्टि
चूंकि शव का अंतिम संस्कार पुलिस द्वारा (ASI मांगीलाल गोदारा और हेड कॉन्स्टेबल खिंयाराम की मौजूदगी में) पहले ही किया जा चुका है, इसलिए अब पहचान की वैज्ञानिक पुष्टि के लिए शनिवार को DNA सैंपल लिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस आधिकारिक पुष्टि करेगी।

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