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बीकानेर में 'मस्त-मौला' शासन: सीवरेज कंपनी ने खोद दी लोगों की 'कब्र'! पाइपलाइन तोड़ी-दबा दी, अब रिसते पानी से चटक गए मकान

India-1stNews


– "अंधेर नगरी, चौपट राजा": सीवरेज कंपनी की 'कारीगरी' से मुडिया मोहल्ले में हड़कंप, नींव गल गई और दीवारें चटक गईं

– लापरवाह अफसरों की नींद उड़ाने कलेक्टर के पास पहुंचे पीड़ित, कहा- हादसा हुआ तो जिम्मेदारी किसकी?

बीकानेर, 9 दिसंबर। बीकानेर में विकास कार्य अब 'विनाश कार्य' में बदलते जा रहे हैं। शहर का सिस्टम इतना 'स्मार्ट' हो गया है कि सीवरेज कंपनी के ठेकेदार टूटी हुई पानी की पाइपलाइन को जोड़ने के बजाय उसे मिट्टी से ढककर अपना 'जुगाड़' फिट कर देते हैं। नतीजा? अब लोगों के आशियाने जमीन में धंसने को तैयार हैं।

​मामला मुडिया मालियों का मोहल्ला (नया कुआँ) का है। यहाँ के निवासी ज्ञानचंद सोनी ने जब कलेक्टर के सामने अपनी व्यथा सुनाई, तो सिस्टम की पोल खुल गई। सीवरेज के लिए खोदे गए गड्ढे में मजदूरों ने पानी की लाइन तोड़ दी और उसे ठीक करने की जहमत उठाने के बजाय ऊपर से मिट्टी डाल दी।

​अब पानी अंदर ही अंदर नींव को खोखला कर रहा है। हालात यह हैं कि ज्ञानचंद सोनी और पड़ोसियों के मकानों में इतनी बड़ी दरारें आ गई हैं कि लगता है प्रशासन किसी बड़े हादसे के बाद ही रिबन काटने आएगा। रहवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर सुनवाई नहीं हुई तो अब धरना ही एकमात्र रास्ता बचा है।

नगर निगम और ठेकेदार ने झाड़ा पल्ला

​पीड़ितों का आरोप है कि जब उन्होंने नगर निगम और कंपनी के ठेकेदार से शिकायत की, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और न ही मौका मुआयना करने आए। गली लंबे समय से बंद पड़ी है और सीवरेज कार्य के चलते राहगीरों का निकलना भी दूभर हो गया है।

हादसे का डर: "कभी भी गिर सकती है छत"

​ज्ञानचंद सोनी ने बताया कि मकानों की स्थिति ऐसी हो गई है कि वे कभी भी गिर सकते हैं। परिवार के लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि:

  1. ​तत्काल मौके का मुआयना किया जाए।
  2. ​नुकसान का सही आकलन कर कंपनी से मुआवजा दिलाया जाए।
  3. ​क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

​उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते सुनवाई नहीं हुई, तो वे मजबूरन परिवार के साथ धरने पर बैठेंगे और किसी भी हादसे की जिम्मेदारी कंपनी व प्रशासन की होगी।





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