– बाना ग्राम पंचायत का मामला: 2015-2020 के विकास कार्यों का भुगतान अब स्वीकृत
– जिला परिषद CEO सोहनलाल की पैरवी रंग लाई, राज्य सरकार ने जारी किए 29.38 लाख रुपए
बीकानेर, 2 दिसंबर। श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति की बाना ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच श्रीमती मेनका देवी के लिए आज का दिन बड़ी राहत लेकर आया। उनके कार्यकाल (वर्ष 2015 से 2020) के दौरान करवाए गए विकास कार्यों का लाखों रुपए का भुगतान, जो पिछले 5 से 10 सालों से अटका हुआ था, उसे अब स्वीकृति मिल गई है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सोहनलाल के प्रयासों से ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग ने 29 लाख 38 हजार 466 रुपए के भुगतान की अनुमति दे दी है।
"दिवालिया होने का आ गया था संकट"
श्रीमती मेनका देवी ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उनके कार्यकाल में पंचायत में कई विकास कार्य करवाए गए थे, लेकिन करीब 29 लाख रुपए का भुगतान अटक गया था।
- एजेंसियों का दबाव: कार्य करने वाली एजेंसियां लगातार उनसे पैसों की मांग कर रही थीं।
- आर्थिक तंगी: हालात इतने बिगड़ गए थे कि भुगतान करने के लिए उन्हें अपनी जमीन बेचने तक की नौबत आ गई थी और वे दिवालिया होने के कगार पर थीं। उन्होंने पंचायत समिति से लेकर जिला परिषद तक कई चक्कर काटे, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा था।
CEO ने दिखाई संवेदनशीलता, राज्य सरकार से ली अनुमति
इस साल अप्रैल में मेनका देवी ने जिला परिषद CEO सोहनलाल को अपनी पीड़ा बताई। मामला पुराना होने के कारण राज्य सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य था। CEO ने इसे प्राथमिकता से लेते हुए उच्च स्तर पर पत्र व्यवहार किया।
उनके प्रयासों के फलस्वरूप, शासन सचिव एवं आयुक्त ने राज्य वित्त आयोग-पंचम के तहत जिला परिषद मद से यह राशि ग्राम पंचायत को हस्तांतरित करने की अनुमति दे दी। पूर्व सरपंच ने इस निर्णय के लिए राज्य सरकार और जिला परिषद का आभार जताया है।

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