– दुलचासर गांव की घटना: कटानी रास्ता बंद होने से गई खेताराम नायक की जान, आक्रोशित ग्रामीणों के धरने पर पहुंचे पूर्व विधायक गिरधारी महिया
– रेलवे और प्रशासन से लंबी वार्ता के बाद जेसीबी से खोला गया रास्ता, तब जाकर शांत हुआ मामला
बीकानेर/श्रीडूंगरगढ़, 7 दिसंबर। बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के दुलचासर गांव में रविवार को एक दर्दनाक घटना ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए। यहां एक कटानी रास्ता (आम रास्ता) बंद होने के कारण एक बुजुर्ग समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके और उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने बुजुर्ग का शव रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व विधायक गिरधारी महिया मौके पर पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई।
इलाज में देरी बनी मौत की वजह
जानकारी के अनुसार, दुलचासर निवासी बुजुर्ग खेताराम नायक की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना चाहते थे, लेकिन गांव का मुख्य कटानी रास्ता बंद था। रास्ता बंद होने के कारण वाहन निकलना मुश्किल हो गया और अस्पताल पहुंचने में अत्यधिक देरी हो गई। इलाज मिलने से पहले ही खेताराम नायक की मौत हो गई।
शव रखकर प्रदर्शन, महिया ने की वार्ता
बुजुर्ग की मौत के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने शव को मौके पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और रास्ता खोलने की मांग पर अड़ गए।
सूचना मिलने पर पूर्व विधायक गिरधारी महिया मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासन और रेलवे अधिकारियों (क्योंकि संभवतः यह रास्ता रेलवे क्षेत्र या उसके पास से गुजरता था) के साथ लंबी वार्ता की।
JCB से खोला रास्ता, तब हटा शव
काफी देर तक चली गहमागहमी और वार्ता के बाद अधिकारियों और ग्रामीणों में सहमति बनी।
- कार्रवाई: मौके पर जेसीबी (JCB) मंगवाकर बंद पड़े रास्ते को तुरंत खुलवाया गया।
- समाधान: रास्ता खुलने और प्रशासन के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया और शव को अंतिम संस्कार के लिए हटाया।
"दोबारा रास्ता बंद हुआ तो होगा बड़ा आंदोलन"
पूर्व विधायक गिरधारी महिया ने प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, "अगर यह रास्ता फिर से बंद किया गया, तो भविष्य में बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।"

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