बीकानेर। करीब 25 दिनों से बीकानेर कलेक्ट्रेट के सामने चल रहा जसनाथ समाज का धरना रविवार देर शाम स्थगित कर दिया गया। यह निर्णय जसनाथ जी महाराज के जागरण और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कैलाश सांदू के आश्वासन के बाद लिया गया।
देर शाम जसनाथ समाज के अनुयायियों ने जागरण की शुरुआत की, जिसमें अंगारों पर नृत्य और मुंह से अग्नि निकालने जैसे अनूठे प्रदर्शन ने सबका ध्यान खींचा। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी श्रद्धालु मौजूद रहे।
जागरण के बाद कांग्रेस देहात अध्यक्ष भंवरलाल कूकणा, कांग्रेस नेता बिशनाराम सियाग, डॉ. राजेंद्र मूंड, शिवलाल गोदारा और अन्य प्रतिनिधियों ने पुलिस अधिकारियों के साथ वार्ता की।
वार्ता के बाद एएसपी कैलाश सांदू ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि —
“हम नए सिरे से एक विशेष टीम बनाएंगे जो पूरी ईमानदारी से जांच करेगी और एक महीने के भीतर मंदिर चोरी का खुलासा करने का प्रयास करेगी।”
कूकणा ने बताया कि —
“एएसपी के आश्वासन पर फिलहाल धरना स्थगित किया गया है, लेकिन यदि एक माह में खुलासा नहीं हुआ तो आंदोलन फिर शुरू किया जाएगा।”
ढाई साल से नहीं सुलझी मंदिर चोरी
कतरियासर स्थित जसनाथ जी महाराज मंदिर से करीब ढाई साल पहले 40 किलो चांदी और 100 ग्राम सोने से बना करीब ₹60 लाख का छत्र चोरी हो गया था। पुलिस ने जांच के बाद न्यायालय में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) पेश कर दी थी, जिससे श्रद्धालुओं में गहरा आक्रोश फैल गया।
इसी के विरोध में समाज के अनुयायी बीकानेर कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे थे।
धरने में अजय सिद्ध, सुरेंद्र गोदारा, गिरधारी कूकणा सहित संघर्ष समिति के कई युवा नेता शामिल रहे।
‘अग्नि नृत्य’ बना विरोध का प्रतीक
धरने के दौरान जसनाथ समाज के साधु-संतों ने अंगारों पर नृत्य और अग्नि मुख प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि —
“यह कोई उत्सव नहीं, बल्कि भगवान और समाज के समक्ष न्याय की पुकार है।”
संप्रदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि पुलिस की निष्क्रियता श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत कर रही है। यह प्रदर्शन प्रशासन के लिए संदेश है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्य बिंदु
- कलेक्ट्रेट के सामने 25 दिन से चल रहा धरना हुआ स्थगित
- एएसपी सांदू के आश्वासन पर समाज ने जताया विश्वास
- ढाई साल पहले जसनाथजी मंदिर से चोरी हुआ था लाखों का छत्र
- अग्नि नृत्य के ज़रिए जताया गया प्रशासनिक उदासीनता पर विरोध

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