बीकानेर@ राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने नोपाराम बनाम राज्य सरकार एवं अन्य मामले में उरमूल डेयरी के अध्यक्ष नोपाराम को चुनाव अयोग्यता के आधार पर पद से हटाने के निर्णय को वैध ठहराया है। नोपाराम ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उनके दो जैविक बच्चे हैं और तीसरी संतान अनुसूया उर्फ अपूर्वा चौधरी उनकी गोद ली हुई संतान है, जो 2019 में गोदनामा के तहत दत्तक ली गई थी। इस आधार पर उन्होंने चुनाव लड़ने की पात्रता बनाए रखने की मांग की थी। हालांकि, प्रतिवादियों ने अदालत में स्पष्ट किया कि अनुसूया नोपाराम की जैविक संतान है, जिसका जन्म 2011 में हुआ और नोपाराम ने इससे पहले 2007 में एलआईसी बीमा आवेदन में खुद के दो बच्चों का उल्लेख किया था।
न्यायमूर्ति मुन्नूरी लक्ष्मण की पीठ ने कहा कि गोदनामा सहित प्रस्तुत किए गए दस्तावेज विश्वसनीय नहीं हैं और इन्हें केवल चुनाव अयोग्यता से बचने के लिए बनाया गया प्रतीत होता है। कोर्ट ने कहा कि नोपाराम एक सार्वजनिक पद पर आसीन थे और ऐसे में उनकी ओर से गोदनामा जैसी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना गंभीर विषय है। इसलिए, 2 सितंबर 2024 को जारी अंतरिम राहत को समाप्त करते हुए नोपाराम को अध्यक्ष पद पर बहाल करने की याचिका को खारिज कर दिया गया।
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