श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर)। बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ इलाके में मंगलवार को मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। कस्बे के मोमासर बास में एक कचरे के ढेर में लावारिस हालत में एक नवजात शिशु मिलने से सनसनी फैल गई। गनीमत रही कि समय रहते एक महिला की नजर उस पर पड़ गई, जिससे बच्चे की जान बच गई।
अस्पताल जा रही महिला ने बचाई जान
जानकारी के अनुसार, मदीना पत्नी जाकिर निवासी मोमासर बास मंगलवार को अपने घर से अस्पताल जा रही थीं। इसी दौरान उन्हें कचरे के ढेर के पास से एक बच्चे के रोने की तेज आवाज सुनाई दी।
जब मदीना ने पास जाकर देखा, तो कचरे के ढेर में एक कपड़े में लिपटा नवजात शिशु मिला। मदीना ने तुरंत मानवीयता का परिचय देते हुए शिशु को गोद में उठाया और उसे लेकर राजकीय उपजिला अस्पताल पहुंचीं, जहां शिशु का चेकअप किया गया।
दूसरी महिला ने दूध पिलाकर बचाई जान
अस्पताल में एक और मार्मिक दृश्य देखने को मिला। जब भूखे नवजात को इलाज के लिए लाया गया, तब वहीं मौजूद एक अन्य नव प्रसूता ममता पत्नी चंदूराम प्रजापत (निवासी मोमासर बास) ने आगे बढ़कर नवजात शिशु को स्तनपान करवाया।
पुलिस ने शुरू की आरोपियों की तलाश
घटना की सूचना मिलते ही थानाधिकारी जितेन्द्र स्वामी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। थानाधिकारी ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि मंगलवार सुबह ही नवजात शिशु को यहां फेंका गया है।
पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिशु का मेडिकल चेकअप करवाकर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह कृत्य आसपास की ही किसी महिला द्वारा किया गया होगा। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।

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