बीकानेर, 30 अक्टूबर। परिवहन विभाग की ओर से चलाए जा रहे 'नो लगेज' अभियान के तहत हो रही बसों की सीज और जुर्माने की कार्रवाई से आक्रोशित होकर प्रदेश के प्राइवेट बस संचालकों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ओनर एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार, 31 अक्टूबर से प्रदेशभर में स्लीपर बसों का संचालन बंद करने का ऐलान किया गया है।
इसके चलते गुरुवार आधी रात से बीकानेर समेत प्रदेशभर में करीब 8000 स्लीपर बसें सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बीकानेर से भी आज कई बसों का रूट कैंसिल किया गया। शुक्रवार को मीटिंग के बाद बीकानेर बस एसोसिएशन भी अपना समर्थन देंगे।
एकतरफा कार्रवाई से आक्रोशित हैं संचालक
एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने हड़ताल का कारण बताते हुए कहा कि परिवहन विभाग द्वारा 29 अक्टूबर को जारी किए गए एक आदेश के चलते यह फैसला लिया गया है।
- आरोप: प्रदेश भर में चल रही निजी बसों पर 'नो लगेज' अभियान के नाम पर चेकिंग की जा रही है और भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। साथ ही लगातार बसों को सीज किया जा रहा है।
- मांग: एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने पहले भी सरकार से आग्रह किया था कि यदि नियमों का पालन नहीं हो रहा है, तो बस ऑपरेटरों को आवश्यक सुधार करने के लिए कुछ समय दिया जाए।
- भेदभाव का आरोप: संचालकों ने यह भी मांग की है कि जो नियम निजी बसों पर लगाए जा रहे हैं, वे सरकारी बसों पर भी लागू होने चाहिए और उन पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
एसोसिएशन ने स्पष्ट कहा है कि विभाग एकतरफा कार्रवाई कर रहा है, जो कि उचित नहीं है। जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक स्लीपर बसों का संचालन बंद रखा जाएगा।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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