– प्रोटोकॉल की अनदेखी? मंत्री खींवसर के बगल में बैठीं सिद्धि कुमारी और कलेक्टर, खड़े रहे व्यास; बाद में सीट मिली तो बैठने से किया इनकार
– प्रशासन पर फोड़ा ठीकरा: बोले- मुझे टाइम गलत बताया, जल्दबाजी में किया कार्यक्रम; सीवरेज के सवाल पर मीडियाकर्मी पर भड़के
बीकानेर, 13 दिसंबर।प्रदेश में भाजपा सरकार के दो साल पूर्ण होने पर आयोजित प्रेस ब्रीफिंग जश्न के बजाय 'कुर्सी विवाद' के कारण सुर्खियों में आ गई। बीकानेर पश्चिम से भाजपा विधायक जेठानन्द व्यास को प्रेस कांफ्रेंस में बैठने के लिए सीट नहीं मिली, जिससे वे इतने नाराज हुए कि प्रभारी मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के पीछे ही खड़े हो गए।
बाद में जब उन्हें बैठने का इशारा किया गया, तो उन्होंने इनकार कर दिया और पूरी ब्रीफिंग के दौरान विरोधस्वरूप खड़े ही रहे। इस दौरान उनकी झुंझलाहट मीडिया पर भी निकली।
क्या हुआ था पीसी में?
प्रभारी मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने सुबह 11 बजे मीडिया से रूबरू होने का समय रखा था।
- सीटिंग अरेंजमेंट: मंत्री के एक तरफ बीकानेर पूर्व विधायक सिद्धि कुमारी बैठी थीं और दूसरी तरफ जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि।
- विधायक की एंट्री: बताया जा रहा है कि विधायक व्यास तय समय से थोड़ा लेट पहुंचे (हालांकि उन्होंने इसे प्रशासन की गलती बताया)। जब वे पहुंचे, पीसी शुरू हो चुकी थी और उनके लिए कुर्सी खाली नहीं थी।
- विरोध: कुर्सी न देख वे मंत्री के कुर्सी के पीछे जाकर खड़े हो गए। जब अधिकारियों ने सीट देने की कोशिश की, तो उन्होंने मना कर दिया।
मीडियाकर्मी पर क्यों भड़के विधायक?
नाराजगी के बीच जब एक पत्रकार ने शहर में चल रहे सीवरेज कार्य और आम जनता की परेशानी पर सवाल पूछा, तो विधायक व्यास का गुस्सा फूट पड़ा।
- तीखी बहस: विधायक ने पत्रकार को टोकते हुए यहां तक कह दिया— "पत्रकार होने का मतलब ये नहीं है कि आप कुछ भी कहेंगे।"
"मंत्री से नहीं, प्रशासन से नाराजगी"
बाद में सफाई देते हुए विधायक व्यास ने कहा कि उनका विरोध मंत्री से नहीं, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली से है।
- उन्होंने कहा, "प्रशासन ने जल्दबाजी में काम किया। मुझे जो समय बताया गया, उससे पहले ही कार्यक्रम शुरू कर दिया गया। प्रभारी मंत्री को बता दिया गया है। जहां गलत लगेगा, वहां मैं बोलूंगा।"
पहले भी हो चुका है विवाद
यह पहली बार नहीं है जब विधायक व्यास की प्रशासन से ठनी हो।
- CMHO ऑफिस विवाद: इससे पहले गंगाशहर के एक अस्पताल/CMHO कार्यक्रम में विधायक के पहुंचने से पहले ही उद्घाटन कर दिया गया था और पट्टिका पर उनका नाम नहीं था। तब भी वे नाराज होकर कार्यक्रम छोड़कर चले गए थे। इस बार उन्होंने जिला कलेक्टर के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की है।

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