– प्राइवेट अस्पताल में एक्स-रे हुआ तो खुला राज: 4 सेंटीमीटर की ब्लेड ने पैर में कर दिए कई घाव; 9 दिसंबर को ट्रॉमा सेंटर में चढ़ा था प्लास्टर
– दादा बोले- हम तो फैक्चर का दर्द समझ रहे थे, अंदर ब्लेड काट रही थी; अधीक्षक ऑफिस पहुंचे तो मिले नहीं, स्टाफ पर कार्रवाई की मांग
बीकानेर, 13 दिसंबर (शनिवार)।बीकानेर के संभाग स्तरीय पीबीएम हॉस्पिटल (PBM Hospital) के ट्रॉमा सेंटर में इलाज में घोर लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए। यहां नर्सिंग स्टाफ ने ढाई साल के बच्चे के पैर पर प्लास्टर करते वक्त उसके अंदर सर्जिकल ब्लेड (Surgical Blade) ही छोड़ दी।
मासूम बच्चा 5 दिन तक उस ब्लेड की चुभन और दर्द से कराहता रहा, लेकिन परिजन इसे फैक्चर का दर्द समझते रहे। शनिवार को जब बच्चे को प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया, तो वहां प्लास्टर खुलते ही लापरवाही की यह खौफनाक तस्वीर सामने आई।
9 दिसंबर को लगा था प्लास्टर
छीपों का मोहल्ला (मक्का मस्जिद के पास) निवासी पीड़ित बच्चे उवेश रजा के दादा मोहम्मद अयूब लोधा ने बताया:
- हादसा: 9 दिसंबर को बच्चा घर में खेलते वक्त गिर गया था। उसे पीबीएम के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया।
- इलाज: एक्स-रे में पैर की हड्डी (घुटने से टखने के बीच) में फैक्चर आया था। डॉक्टर ने प्लास्टर लिख दिया।
- लापरवाही: हड्डी वार्ड में नर्सिंग स्टाफ ने प्लास्टर बांधा, लेकिन उसी दौरान प्लास्टर काटने वाली या ड्रेसिंग में इस्तेमाल होने वाली टूटी हुई सर्जिकल ब्लेड गलती से प्लास्टर के अंदर ही लपेट दी।
5 दिन बाद ऐसे खुला राज
इलाज के बाद बच्चा घर आ गया, लेकिन वह लगातार रोता रहा। परिजनों को लगा कि हड्डी टूटने का दर्द है, जो 1-2 दिन में ठीक हो जाएगा।
- शनिवार को जांच: जब 5 दिन बाद भी बच्चा दर्द से तड़पता रहा, तो परिजन उसे पीबीएम के पास ही एक प्राइवेट क्लीनिक पर ले गए।
- एक्स-रे ने चौंकाया: डॉक्टर ने दोबारा एक्स-रे करवाया, तो प्लास्टर के अंदर ब्लेड जैसी चीज दिखी। जब प्लास्टर काटा गया, तो अंदर 4 सेंटीमीटर लंबी सर्जिकल ब्लेड मिली।
- घाव: ब्लेड की वजह से बच्चे के पैर में जगह-जगह गहरे घाव हो चुके थे।
अधीक्षक नहीं मिले, दूसरे डॉक्टर ने किया इलाज
लापरवाही सामने आने पर गुस्साए परिजन शिकायत लेकर पीबीएम अधीक्षक के कार्यालय पहुंचे, लेकिन स्टाफ ने बताया कि अधीक्षक मीटिंग में हैं। बाद में वहां मौजूद एक अन्य डॉक्टर ने बच्चे के घाव चेक किए और दोबारा प्लास्टर बांधा।
परिजनों ने मांग की है कि जिस नर्सिंग कर्मी ने यह जानलेवा लापरवाही की है, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

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