– ऑपरेशन 'वज्र प्रहार 2.0': कांता खतूरिया कॉलोनी का सूर्यप्रकाश उर्फ सूरज चढ़ा पुलिस के हत्थे; हरियाणा के रोहतक में भी दर्ज है मामला
– जेल से छूटने के बाद फिर शुरू किया खेल: भोले-भाले लोगों को फंसाकर उनके खातों को बनाता था जरिया (Mule Account)
बीकानेर, 13 दिसंबर।बीकानेर साइबर पुलिस ने 'साइबर वज्र प्रहार 2.0' अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। आरोपी बीकानेर के पॉश इलाके कांता खतूरिया कॉलोनी (JNVC) का रहने वाला है।
गिरफ्तार आरोपी सूर्यप्रकाश उर्फ सूरज (पुत्र भागीरथ सोनी) भोले-भाले लोगों को दोस्ती के जाल में फंसाकर उनके बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम को 'व्हाइट' करने (निकालने) के लिए करता था। उसके लिंक देशभर में हुई करीब 50 लाख रुपये की ठगी से जुड़े हैं।
ठगी का तरीका (Modus Operandi)
एसपी कावेन्द्र सिंह सागर के निर्देशन और थानाधिकारी रमेश कुमार सर्वटा की टीम द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी ने चौंकाने वाले खुलासे किए:
- दोस्ती और विश्वास: आरोपी और उसकी गैंग के सदस्य सीधे-सादे लोगों और युवाओं को अपना टारगेट बनाते थे। उनसे दोस्ती गाठंते और विश्वास जीतते।
- खाता मांगना: फिर उन्हें शेयर बाजार (Share Market) का पैसा आने की बात कहकर उनके बैंक खाते और एटीएम कार्ड मांग लेते।
- ट्रांजैक्शन: देश के अलग-अलग राज्यों में लोगों के साथ ठगी की जाती और वह पैसा इन स्थानीय लोगों के खातों में डलवाया जाता।
- निकासी: पैसा आते ही आरोपी अपने साथियों के साथ बैंक या एटीएम जाकर चेक और कार्ड के जरिए कैश निकाल लेते थे। खाता धारक को पता भी नहीं चलता था कि वह जुर्म में भागीदार बन गया है।
आदतन अपराधी है सूरज
पुलिस जांच में सामने आया है कि सूर्यप्रकाश उर्फ सूरज एक आदतन साइबर अपराधी है। उसके खिलाफ पहले भी हरियाणा के रोहतक जिले के साइबर थाने में मामला दर्ज हो चुका है और वह जेल भी जा चुका है। लेकिन जेल से बाहर आते ही उसने फिर से ठगी का यह गोरखधंधा शुरू कर दिया।
पुलिस टीम की भूमिका
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) चक्रवर्ती सिंह राठौड के सुपरविजन में हुई इस कार्रवाई में थानाधिकारी रमेश कुमार सर्वटा, कांस्टेबल रामधन, सुभाष और श्रीराम की अहम भूमिका रही। पुलिस अब गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।

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